Friday, July 24, 2009

Kya khoob kaha hai dost

मैं रोता हूँ, आंखों में पानी नहीं रखता
मैं लव्ज़ों में अपनी झूठी कहानी नहीं रखता
वो आये और आ कर अपनी यादों को भी ले जाये
मैं भूल जाने वालों की कोई निशानी नहीं रखता
--अज्ञात

1 comment:

Deepak Gakhar said...

kya baat hai.. subhan allaa...

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